वर्षा Class 5

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वर्षा 


चारों ओर बदरिया छायी। 
रिमझिम रिमझिम वर्षा आयी।।


उमड़-घुमड़ कर मेघ गरजते। 
दमक-दमक कर मोर थिरकते।।

पपीहा पीह-पीह हैं, करते।
मेंढक टर्र-टर्र टर्राते।।

पशु-पक्षी सब खुश हो जाते। 
बच्चे सड़कों पर आ जाते।।

कागज़ की वे नाव बनाते। 
फूल-फूल कर गाना गाते ।।

काली बदली खुशियाँ लायी। 
रिमझिम रिमझिम वर्षा आयी ।।



कविता का सार:-

यह कविता वर्षा (बारिश) के आगमन के बारे में है। वर्षा के आने से आसमान छाया हुआ है और बदरिया आसमान को ढांप रही हैं। रिमझिम की ध्वनि के साथ वर्षा आती है।

मेघ घूमते हुए गरजते हैं और मोर बहुत खुश होकर थिरकते हैं। पपीहे और मेंढक भी अपनी ध्वनि में रंग भरते हैं। इससे सभी पशु-पक्षी खुश हो जाते हैं और बच्चे सड़कों पर आकर खेलने लगते हैं।

बच्चे कागज की नाव बनाकर और फूलों को समर्पित करके गाना गाते हैं। काली बादलों ने खुशियों का संदेश लाया है और रिमझिम की ध्वनि के साथ वर्षा आ गई है।

इस कविता में वर्षा के आगमन से समृद्धि और खुशियाँ आती हैं, और प्रकृति की सुंदरता का आनंद लिया जाता है।इससे हमें प्राकृतिक सौंदर्य के महत्व का अनुभव होता है।
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