विशेषण (Adjective) और उसके प्रकार

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 विशेषण  (Adjective)


चलिए आसान भाषा में समजते है, विशेषण के बारे में।


उदहारण:  राजू ने नयी गाड़ी ली है और उस गाड़ी का रंग लाल है।




"लाल"  यह शब्द उसकी गाड़ी की विशेषता (specialty) बतलाता है।

तो ऐसे ही संज्ञा और सर्वनाम की विशेषता बतानेवाले शब्दों को  विशेषण कहते हैं।


परिभाषा: संज्ञा और सर्वनाम की विशेषता बतानेवाले शब्दों को 'विशेषण' कहते हैं।


कुछ और उदाहरण:

१. मसूरी एक सुंदर पहाड़ी स्थल है।

२. रोनी ने ॲनी से सौ रुपये ले लिए।

३. बच्चों का पहला दल आगे बढ़ गया।

४.आज मैदान पर कम बच्चे खेल रहे हैं।


   


ऊपर दिये हुए रेखांकित शब्दों की विशेषताएँ :


१. 'सुंदर' शब्द पहाडी' संज्ञा की विशेषता बतलाता है।।

२. 'सौ' शब्द रुपये संख्या की सूचना देता है।

३. पहला शब्द 'दल' के बारे में जानकारी देता है। 

४. कम' शब्द 'बच्चे' संज्ञा की विशेषता (परिमाण) सूचित करता है।

{इस तरह वाक्यों से रेखांकित शब्द किसी न किसी संज्ञा की विशेषता दशति है। इसलिए इन्हें 'विशेषण' कहा जाता है।}


* संज्ञा की तरह सर्वनाम के साथ भी "विशेषण"  का प्रयोग किया जाता है।

उदाहरण:

१. वह मेहनती है।

२. वे बहादूर है।

३. तुम आलसी हो।


इन तीनों वाक्यों में 'वह', 'वे 'तुम' सर्वनाम है। 

१. 'मेहनती' शब्द 'वह' की विशेषता बतलाता है।

२. बहादूर' शब्द 'वे' की विशेषता बतलाता है।

३. 'आलसी' शब्द 'तुम' की विशेषता बतलाता है।


ये सभी रेखांकित शब्द किसी न किसी 'सर्वनाम' की विशेषता बतलाते हैं, इसलिए 'विशेषण' है।


विशेषण जिस संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता प्रकट करता है, उसे विशेष्य कहते है। 

जैसे-

१. मिंगेल मेहनती किसान है।

इस वाक्य में मेहनती विशेषण है और किसान विशेष्य है।


विशेषण के प्रकार

विशेषण के प्रमुख भेद :

१. गुणवाचक विशेषण {Adjective of Quality}

जो विशेषण किसी व्यक्ति या वस्तु के गुण, दोष, रंग, आकार आदि का बोध कराते है, उन्हें गुणवाचक विशेषण कहते हैं।

उदाहरण:

'सुंदर' पहाड़ी, बुरा' लड़का, 'लम्बा' रास्ता, 'होशियार' विद्यार्थी 'सुंदर' बुरा 'लम्बा', 'होशियार' ये शब्द किसी न किसी संज्ञा के गुण बताकर उसकी विशेषता प्रकट करते हैं। इसिलिए इन्हें गुणवाचक विशेषण कहा जाता है।


२. संख्यावाचक विशेषण  {Numeral adjective}

जो शब्द किसी संज्ञा या सर्वनाम की संख्या का बोध कराए उन्हे संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।

उदाहरण:

'दस' लड़के, 'पाँच कुर्सियाँ, 'सवाचार' रुपये, 'चार गाड़ियाँ दस, पाँच', 'सवाचार', 'चार' ये शब्द विशेषण है और किसी ना किसी संज्ञा की पूर्ण या अपूर्ण संख्या दर्शाते है, इसिलिए इन्हें संख्यावाचक विशेषण कहा जाता है।


३. परिमाणवाचक विशेषण {Adjective of quantity}

जो विशेषण किसी वस्तु की नाप-तोल को बताते हैं, उन्हें परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं। 

उदाहरण:

'दस किलो' गेहूँ, 'आठ मीटर' कपडा, 'बहुत लोग 'कम' पानी। दस किलो', 'आठ मीटर 'बहुत', 'कम' ये शब्द ऐसे विशेषण हैं जो अपने से संबंधित संज्ञा का परिमाण सूचित करते है।

'विशेष्य' की संख्या या गिनती बतानेवाले शब्दों को 'संख्यावाचक विशेषण' कहते हैं। यहाँ संख्या का बोध होता है।

तथा,

'विशेष्य' की नाप या तौल बतानेवाले शब्दों को परिमाणवाचक विशेषण कहते है। यहाँ वस्तु की नाप-तौल दर्शायी जाती है।



४. सार्वनामिक विशेषण {Demonstrative Adjective}

जो सर्वनाम विशेषण के रूप में प्रयुक्त होते हैं, उन्हें सार्वनामिक विशेषण कहते हैं। उन्हें

संकेत वाचक विशेषण भी कहा जाता है।

उदाहरण:

१. वह गाड़ी हमारी है।

२. कोई आदमी यहाँ बैठा है।

३. यह अमरूद मीठा है।

४. वे कमरे बन्द है।

इन वाक्यों में रेखांकित शब्द वास्तव में सर्वनाम है। लेकिन यहाँ इनका प्रयोग विशेषण की तरह हुआ, इसीलिए ये सार्वनामिक विशेषण है।

सार्वनामिक विशेषण हमेशा किसी संज्ञा के पहले आते है।



५. कमवाचक विशेषण {Ordinals}

संज्ञा का क्रम दर्शानेवाले विशेषण को क्रमवाचक विशेषण कहा जाता है।

उदाहरण:

"तीसरी टुकड़ी, 'उठा क्रमांक, 'आठवी कक्षा, इक्किसवी सदी। तीसरी', 'छठा 'आठवी, ''इक्किसवी' ये विशेषण संख्याओं से बने हैं और यहाँ हर विशेषण संज्ञा का क्रम सूचित करते है। ये क्रमवाचक विशेषण है।


अभ्यास प्रश्न 

निम्नलिखित वाक्यों में कोष्टक में दिये शब्दों के विशेषण बनाकर वाक्य फिर से लिखिए।

१. यह सारा खाना (नमक) है।

२. गांधीजी (सत्याग्रह) और (अहिंसा) थे।

३. (दुबे) घटना मुझे (डर) लगती है।

४. (धर्म) लोग हमेशा (सहन) होते हैं। ५. (ताकत) आदमी (लड़ना) बन गया।

६. वह युवक हमेशा (नाटक) बातें करता है।

७. वह (ईमान) आदमी लोगों से (अपमान) हुआ।

८. हमारी अध्यापिका कड़ी (सहन) है।

९. मुझे (पुराण) कहानियों अच्छी लगती हैं।

१०. ये सारी गायें (दूध) हैं।

११. सेना की (तीन) टुकड़ी ने हमला कर दिया।

१२. शराब सेहत के लिए (हानि) होती है।

१३. (साहस) बालक को (राष्ट्र) पुरस्कार मिला। 

१४. मेरे चाचाजी बड़े (गुस्सा) हैं।




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