कवि परिचय - संत कबीर दास

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संत कबीर दास

संत कबीर दास एक महान संत, कवि और रहस्यवादी थे,
उनका जन्म 14वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में काशी (वर्तमान वाराणसी) में हुआ था। उनका बचपन अभावों में बीता, लेकिन उन्होंने अपनी गहरी अंतर्दृष्टि और आध्यात्मिक ज्ञान से लोगों को प्रभावित किया।

कबीर दास ने सभी धर्मों की एकता पर जोर दिया और उन्होंने लोगों को जाति, पंथ और धर्म के भेदभाव से ऊपर उठने का आह्वान किया। उन्होंने अपने दोहों और पदों के माध्यम से अपने विचारों को व्यक्त किया, जो आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं।

कबीर दास के दोहों की विशेषता उनकी सादगी, गहराई और व्यावहारिकता है। उन्होंने अपने दोहों में जीवन के सभी पहलुओं पर बात की है, जैसे कि प्रेम, करुणा, सत्य, अहिंसा, भक्ति और ईश्वर। उनके दोहे आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं और उन्हें जीवन में सही मार्ग पर चलने में मदद करते हैं।

कबीर दास एक महान संत और कवि थे, जिन्होंने अपने विचारों और लेखन से लोगों को प्रभावित किया। उनकी शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं और वे लोगों को एक बेहतर दुनिया बनाने में प्रेरित करती हैं।

कबीर दास के कुछ प्रसिद्ध दोहे

"माया मोह को त्यागो, मन को निर्मल करो,
ज्ञान का प्रकाश पाओ, मोक्ष के द्वार खोलो।"

"ईश्वर को पाने के लिए मंदिर या मस्जिद जाने की जरूरत नहीं है,
वह तुम्हारे हृदय में ही मौजूद है।"

 "जाति-धर्म का भेदभाव मत करो,
सब इंसान एक हैं।"

 "सत्य और अहिंसा का मार्ग अपनाओ,
दुनिया में शांति और समृद्धि फैलाओ।"

कबीर दास के दोहे आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं और उन्हें जीवन में सही मार्ग पर चलने में मदद करते हैं। उनकी शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं और वे लोगों को एक बेहतर दुनिया बनाने में प्रेरित करती हैं।

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